Aligarh GPF fraud case : अलीगढ़ में 10 वर्षों तक होता रहा GPF में घोटाला, 11 बीएसए, 30 बीईओ, 10 वित्त अधिकारी समेत 61 पर मुकदमा दर्ज

Aligarh GPF fraud case : अलीगढ़ में 10 वर्षों तक होता रहा GPF में घोटाला,  11 बीएसए, 30 बीईओ, 10 वित्त अधिकारी समेत 61 पर मुकदमा दर्ज


शिक्षा विभाग में 2003 से 2013 तक शिक्षकों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों में पांच करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। अपर मुख्य सचिव बेसिक की जांच के बाद मंगलवार को बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह ने उस अवधि में अलीगढ़ में तैनात रहे 11 बीएसए, 30 बीईओ, 10 वित्त अधिकारी समेत 61 अधिकारियों व कर्मचारियों के पद नाम से बन्नादेवी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।


जिले में वर्ष 2003 से 2013 तक 520 शिक्षकों के डमी खाते खोले गए। इसके बाद उनमें चार करोड़ 92 लाख 39 हजार 749 रुपये का लेनदेन किया गया। जबकि शिक्षक न तो आवेदन करते थे न ही बीएसए कार्यालय आते थे। कुछ मामलों में जब शिक्षक के खाते में पैसे आ जाते तब कार्यालय का कर्मचारी उनके पास जाकर गलती से उनके खाते में पैसा आ गया कहकर वापस करने को कहता। इसके बाद शिक्षक बैंक से पैसे निकालकर कर्मचारी को दे देते थे। कुछ डमी खातों में से आरोपी पैसे निकाल कर उसका उपयोग करते रहे।



इस तरह सामने आया था मामला :

यह घोटाला 2020 में तब सामने आया जब टप्पल के शिक्षक जगदीश प्रसाद के खाते 35 बार में 34 लाख रुपये भेजे गए। इसके बाद जिला स्तर पर जांच शुरू हुई। जांच में अधिकारियों और पटल लिपिकों की संलिप्तता पाई गई। जांच में आख्या ऋण नहीं घटाने, लेजर पृष्ठ गायब, ऋण की प्रविष्टि नहीं होने, रजिस्टर में चेक नंबर अंकित नहीं होने, चेक की एंट्री नहीं होने, रजिस्टर में निरस्त चेक का जिक्र नहीं होने, भुगतान की गई धनराशि व चेक अंकित नहीं होना सामने आया। मामले में दो बाबू निलंबित कर दिए गए।


जिला स्तर पर जांच के बाद शासन स्तर से मामले में जांच हुई। जीपीएफ प्रकरण में 4 फरवरी 2025 को अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा उप्र शासन लखनऊ की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से समीक्षा की गई, जिसमें शासन स्तर से कराई गई। विशेष सम्परीक्षा आख्या के आधार पर घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।


इसी क्रम में मंगलवार को थाना बन्नादेवी में 2003 से 2013 तक बीएसए कार्यालय में तैनात रहे बीएसए, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, जीपीएफ पटल सहायक कर्मचारी, परिषदीय शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा जीपीएफ कार्य के लिए संबद्ध कर्मचारी, जीपीएफ भुगतान चेक देने वाले पटल सहायक, संबंधित लाभार्थी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।


वर्ष 2003 से 2013 तक तैनात रहे बीईओ

इस दौरान जिले में तैनात रहे बीईओ अब अलग-अलग जनपदों में तैनात हैं। अलीगढ़ में तैनात रहे बीईओ हरिशंकर सिंह एटा, मोहम्मद अजहरे आलम मुरादाबाद, बुद्धसेन सिंह बुलंदशहर, कैलाश चंद्र पांडेय पीलीभीत (निलंबित) मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) बरेली में संबद्ध, अमित सक्सेना एटा, उदित कुमार बागपत, सर्वेश कुमार गाजियाबाद, छोटेलाल हरदोई, ओम प्रकाश यादव बुलंदशहर, अमित कुमार गुप्ता बुलंदशहर, चंद्रभूषण प्रसाद नोएडा, सुनील कुमार मिर्जापुर, वंदना सैनी मुरादाबाद, माजुद्दीन अंसारी मैनपुरी (निलंबित) डायट गौतमबुद्धनगर से संबद्ध, जयपाल आगरा, अनिल कुमार बुलंदशहर, अखिलेश यादव हाथरस, गिरिराज सिंह हाथरस, हेमलता एटा, आलोक प्रताप श्रीवास्तव हाथरस, वीरेंद्र सिंह इटावा, अखिलेश प्रताप सिंह हाथरस, दीप्ति एटा, गोपाल त्यागी बुलंदशहर, सर्वेश सिंह कन्नौज (निलंबित) मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) कानपुर में संबद्ध, अरुण कुमार अमरोहा, राकेश यादव प्रयागराज, संजय भारती मुजफ्फरनगर, तारकेश्वर पांडेय अयोध्या, केएल वर्मा उन्नाव में तैनात हैं।


ये रहे बीएसए तैनात

दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, मोहम्मद अल्ताफ अंसारी, मनोज कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, एमपी वर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, एसपी यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र कुमार यादव, डाॅ. लक्ष्मीकांत पांडेय।


अधिकारी मुकदमा दर्ज कराकर जांच पर जांच बिठाकर अपना दामन साफ करने का प्रयास कर रहे हैं। जूनियर शिक्षक संघ इस घोटाले को शुरू से उठाता रहा है। संघ तब तक मुद्दा उठाता रहेगा जब तक सभी शिक्षकों को उनका पूरा जीपीएफ नहीं मिल जाता है। - डॉ. प्रशांत शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ






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