यूपी बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन आज से, पंद्रह दिन में 1.35 लाख परीक्षक जांचेंगे तीन करोड़ कॉपियां

यूपी बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन आज से, पंद्रह दिन में 1.35 लाख परीक्षक जांचेंगे तीन करोड़ कॉपियां

यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 13944 उप प्रधान परीक्षक नियुक्त


प्रयागराज। यूपी बोर्ड वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से शुरू होने जा रहा है मूल्यांकन कार्य दो अप्रैल को पूरा कर लिया जाएगा। मूल्यांकन में एक लाख 34 हजार 723 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो पंद्रह दिनों में दो करोड़ 96 लाख 93 हजार 855 कॉपियां जांचेंगे।

कॉपियों के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 261 केंद्र बनाए गए हैं। हाईस्कूल में 1,63,22,248 लिखित उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 84,122 परीक्षक एवं 8,473 उप प्रधान परीक्षक और इंटरमीडिएट में 1,33,71,607 लिखित उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 50,601 परीक्षक एवं 5,471 उप प्रधान परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। यूपी बोर्ड मई के मध्य तक परीक्षाफल घोषित करने की तैयारी में है।



यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (मुख्य नियंत्रक) के साथ ही परीक्षा केंद्रों के उपनियंत्रकों (प्रधानाचायों) को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेजते हुए यह स्पष्ट किया है कि कि प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन हाईस्कूल में 50 व कुल अवधि में 700 (कला विषय में 80 व कुल अवधि में 800) एवं इंटरमीडिएट में 45 व  कुल अवधि में 600 से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी जाएंगी। मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा और मांगे जाने पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उपलब्ध करानी होगी। 

मुख्य नियंत्रक एवं उप नियंत्रक की जिम्मेदारी होगी कि वह मूल्यांकन कार्य से संबंधित व्यक्ति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश नहीं करेगा। अन्यथा की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को भी मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मूल्यांकन कक्ष में ले जाने पर रोक है।


प्रशिक्षण में 40 फीसदी परीक्षक रहे गैरहाजिर

प्रयागराज। यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए नियुक्त किए गए परीक्षकों को निर्देश दिए गए थे कि 17 मार्च को मूल्यांकन केंद्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और 18 मार्च को उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।

समीक्षा में पाया गया कि औसतन उपस्थिति 60 फीसदी ही रहे, बाकी 40 फीसदी परीक्षक अनुपस्थित रहे। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने इस स्थिति को असंतोषजनक बताते हुए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि 19 मार्च को अपने जनपद के मूल्यांकन केंद्रों में अनुपस्थित परीक्षकों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं एवं उनका प्रशिक्षण कराकर मूल्यांकन कार्य प्रारंभ कराएं।

सचिव ने चेतावनी दी है कि यदि कोई परीक्षक/मूल्यांकनकर्मी सौंपे गए कार्य की जानबूझकर उपेक्षा करे या उसको कार्य करने में किसी के द्वारा अवरोध उत्पन्न किया जा रहा हो तो उसके विरुद्ध त्वरित एवं कठोर कार्रवाई की जाए।


कंप्यूटर फर्मों में होगा ओएमआर शीट का मूल्यांकन

परीक्षाफल समय से तैयार किया जा सके, इसके लिए 20 अंकों की वस्तुनिष्ठ परीक्षा के लिए प्रयोग की गई ओएमआर शीट संबंधित कंप्यूटर फर्मों तक पहुंचाने का कार्य तीन चरणों में चार मार्च से ही शुरू करा दिया गया था, जो 18 मार्च को पूरा हो गया। एक तरफ केंद्रों में कॉपियों का मूल्यांकन होगा तो इसके साथ ही ओएमआर शीट का मूल्यांकन भी जारी रहेगा।




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